❣️ मैं ❣️
अपनी ज़िन्दगी के लम्हों💫 से जो छेड़छाड़ किया है , उसका अंज़ाम आज भी भुगत🤲 रही हुं मैं । लोगों को मेरी बाहरी शीतलता नज़र 👤आती है , पर अंदर ही अंदर सुलग🔥 रही हूं मैं। दुनिया में बहुत से लोग होते हैं , एक जैसे 👥......, पर सबसे, थोड़ा अलग ❣️रही हूं मैं। पल भर में ये वक़्त , कहां से कहां चला जाता है🤷 , इसलिए थोड़ा- थोड़ा बदल 👐रही हूं मैं। हां ! होड़ है मुझे खुद से जीतने की 🤟.....…........., इसलिए खुद से थोड़ा जल🌡️ रही हूं मैं । मुस्कुराहट का एक पल भी , जाया नहीं करती ,🙂 थोड़ा ही सही , पर संभल 🎀रही हूं मैं । ठोकरों में , बहुत कड़वाहट भरी होती है 🎃........, पर इसे भी ख़ुशी- ख़ुशी...