"पहचान"
अगर जानना चाहते हो किसीको ,
तो खुद को पहचान लो ना....
क्या चाहता है दिल तुम्हारा,
एक बार उसे भी जान लो ना....
तुम अच्छे से जानते हो कि तुम्हे कामयाब होना है,
तो रुके क्यों हो, कुछ करने की ठान लो ना....
महज़ सोच-सोचकर क्यों वक़्त जाया करते हो,
वक़्त को ही अपना गुरु मान लो ना....
तुम्हें पता है कि तुम्हारी ख्वाहिशें बहुत बड़ी हैं,
तो फैसले छोटे क्यूं ,थोड़े महान लो ना....
"लोग क्या कहेंगे" इसमें क्या रखा है,
फैलाओ पंख अपने, और एक लम्बी उड़ान लो ना....
राह चलने में तो ,हर राहगीर थक जाता है,
तुम्हारी थकावट ही तुम्हें चुभे , ऐसी थकान लो ना....
ऐसी बहुत राहें हैं, जिनसे हर राहगीर वाकिफ है,
कुछ अलग करना है , तो कुछ राहें अंजान लो ना....
अरे ! जो नीचा दिखाते हैं तुम्हें, और हंसते हैं तुम पर
तो बढ़ो सफलता की ओर, और अच्छा-खासा इंतकाम लो ना....
माना कि आज छोटा -सा मकान है तुम्हारा,
तो करो जम के मेहनत,और बंगला आलीशान को ना....
क्या हैं तुम्हारे माता- पिता के सपने,
कुछ देर बैठो उनके साथ, और ये भी जान लो ना....
अरे ! किसे ढूंढ रहे हो, ज़िन्दगी संवारने के लिए
तुम्हारे सिवा हो ही कौन सकता है, आंखे खोलो
और ख़ुद को पहचान लो ना...♥️
Written by :-
Shanti Kumari
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