अधूरा - इश्क़

दिशा एक बेफिक्र और खुद में खोई रहने वाली केरल की लड़की थी ।वो इंडियन आर्मी में डॉक्टर थी ।  दूसरों की किसी भी तकलीफ को दूर करना उसका जुनून था , शायद इसीलिए खुदा उसे हमेशा खुश रखते थे । उसे अपने आप पर बहुत भरोसा था , पर धोखेबाजों से वो हमेशा सावधान रहती थी । उसकी इस व्यक्तित्व पर को भी आसानी से फिदा हो जाता था , पर उसे अपनी ज़िन्दगी में ऐसे इंसान का इंतेज़ार था , जो उसे दिल से समझे । वो दिल से जितनी खूबसूरत थी , चेहरे से उतनी ही हसीन भी थी । वक़्त बीतता गया , एक बार उसकी मुलाकात हुई रौनक से जो इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट था । उनकी मुलाकात तब हुई जब शहर में बाढ़ आयी हुई थी , दिशा ने जब रौनक को अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद करते देखा , तो उससे उसमें अपनी परछाई नजर आयी ।
उसने निर्णय लिया की उसकी ज़िन्दगी का हिस्सा वो रौनक को बनाएगी । अचानक पानी का बहाव तेज होने  से रौनक पानी में गिर गया । उसे बचाने की हड़बड़ी में दिशा रस्सी लेकर पानी  में कूद गई । उसने रौनक को बचा लिया । उधर रौनक भी कहीं न कहीं दिशा पर फिदा हो गया । दिन बीतते गए , एक दिन रौनक ने दिशा से अपने प्यार का इज़हार किया । दोनों काफी खुश थे , साथ साथ ज़िन्दगी बिताने के सपने देख रहे थे ।
पर शायद खुदा को ये मंज़ूर नहीं था । एक दिन केरल में एक आतंकी हमला हुआ , जिसमें रौनक शहीद हो गया ।
अब दिशा को अपनी ज़िन्दगी से नफ़रत होने लगी ।
उसे कुछ अच्छा नहीं लगता , वो बिल्कुल बदल गई ।
दिन - रात बस रोती रहती थी , खुद को खत्म करना चाहती थी । 
एक दिन वो रौनक की यादों में खोई हुई सोच रही थी ........
 अश्कों में है,  मेरे दिल की वो बातें
जानूं ना मैं कैसे , आती कहां से...
यादों में तू है मेरी , बातों में भी है तू 
जीने की चाहत थी बस तेरी वजह से ,
इश्क़ है तू मेरा , चाहत भी तू है ...
चाहूं मैं हर पल तुझको , पूरे जहां में।
बातों को तेरी अब मैं,  कैसे भुला दूं 
अब भी तू है वहीं,  था पहले जहां पे 
तूने छोड़ा क्यूं तन्हा , इतना बता दे 
तुझसे ही सीखा था , जीना यहां पे 
वो लम्हें भी हैैं यहां , वो बातें भी हैैं 
तूने किए थे जो , वो वादे भी हैं...
फिर भी मायूसी है , भीगी बरसातों में
हर पल तू शामिल है , मेरे जज्बातों में 
चेहरा तेरा , मेरे दिल में वहीं है...
कैसे जियुं मैं , जब तू ही नहीं है ।
वाकिफ हूं मैं , तू मेरे रूबरू है
हर पल आंखो से मेरे ,बहता लहू है।
है जहां आज तू , मुझको आना वहां है 
बुला ले ना मुझको तू , आज जहां है ...
मेरे हर दर्द की , तू ही दवा है ....
उड़ चला है तू ऐसे , जैसे उड़ती हवा है ,
तेरे इश्क़ का मुझको हर पल नशा है
जैसे तू बसा था दिल में , आज भी बसा है ।❤️




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