कोरोना v/s इंसानियत

अजीब सी हो गई है दुनिया.....
यहां इंसानियत की कमी-सी महसूस होती है,
माना की आज कहर है कॉरोना वायरस का,
पर लोगों के दिलों से इंसानियत क्यों खोती है?
माना कि आज संकट सीना तान खड़ा है देश में,
पर कुछ लोग खड़े हैं लालची दरिंदो के वेश में,
आज कुछ लोग तड़प रहें हैं, कि उन्हें खाना खाना है,
पर कुछ लोगों का मकसद ही,सिर्फ पैसे कमाना है।
ये 300 का आटा 400 में बेचने का काम कर रहें हैं,
ये सारे आम इंसानियत को निलाम कर रहें हैं।
आज जनता को सिर्फ दो वक्त के रोटी की आस है,
और  इन्हें सिर्फ अपना बैंक बैलेंस बढ़ाने पर विश्वास है।
लोगों के दिलों में बस कॉरोना का खौफ है...
पर ना जाने कैसे......…?
कुछ लोगों को सिर्फ मुनाफा कमाने का शौक है !
आज ये सब देखकर दिल में एक कसक सी उठती है,
कि कुछ लोग हैं जो लोगों को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं
उन्हें उनकी सहायता करने का हौंसला दिला रहें हैं....
आज जरूरत है इंसानियत की ,तो इसे मरने मत दो ;
किसी भी गरीब को भूख से लड़ने मत दो.......
खुदा ने तुम्हें काबिल बनाया है ,तो मदद करो सबकी,
क्योंकि आज सभी पर कड़ी नजर है रब की.....
एक वायरस इंसानों को मार सकता है,इंसानियत को नहीं
तो इंसानियत को करीब रखो, हैवानियत को नहीं.....
आज कुछ ऐसा करो, कि खुद को काबिल कर सको,
ताकि कल.........
लोगों की मदद करने में , खुद को शामिल कर सको ।







Please don't try to increase your bank balance in this critical condition.
Some retailers are trying to earn more and more profit....but wait , it will satisfy you not your soul.
Be human and show humanity.
Thank You!


Written by :-
Shanti


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