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Showing posts from August, 2020

💔बेरहम ज़िन्दगी💔

ये ज़िन्दगी सच में कितनी बेरहम है ......... कोई इसकी मुश्किलों से परेशान है,तो कोई थक गया है , कोई राहें चल रहा है , तो कोई भटक गया है...... कुछ पाने की चाह में,किसी ने सबकुछ खो दिया है, किसी ने सबकुछ पाकर भी , अकेले में रो दिया है , ये खुशियां भी देती है , तो दुखों का सागर कहां कम है, ये ज़िंदगी सच में कितनी बेरहम है........ पहले हंसाती है , तो फिर रुलाने में भी माहिर है, दूसरों की क्या कहें, ये तो हमारी ज़िन्दगी में भी ज़ाहिर है .... कि पल भर में ये ज़ज्बात बदल देती है , सामने खड़ी खुशी को , एक पल में निगल लेती है , खुशियों को जीने के लिए, एक सेकंड भी कितना अहम है ............. ये ज़िन्दगी सच में कितनी बेरहम है .......... ये सांसे कब रुक जाएं , ये कौन जानता है , यहां अपनों को भी अपना , कौन मानता है, ये ज़िन्दगी .... , ज़िन्दगी जीना तो सिखाती है , कौन अपना ,तो कौन पराया है , ये भी बताती है , इसे सुहाना सफ़र सोचना , बस एक वहम है, ये ज़िन्दगी सच में कितनी बेरहम है...........💔         __________***_________                 ...

🌧️बारिश 🌧️

उस मिट्टी की खुशबू ज़हन में उतर जाती है, जब बारिश की बूंदे उसपर बेफिक्र बिखर जाती हैं , वो रिमझिम - सी आवाज़ दिल को छू कर जाती है, ..............वो ठंडी हवाएं जब रूबरू कर जाती हैं , वो पेड़ों का लहराना बड़ा सुहाना लगता है , ये बादल भी इस धरती का दीवाना लगता है, .........वो बारिश की बूंद हर जगह गिरती है ,  अमीरों की छतों के साथ गरीबों की झोपड़ी पर ठहरती है इसका ये अंदाज़ एक अलग - सा सुकून देता है , प्रकृति को और करीब से जानने का जुनून देता है, बारिशें , उस बादल का इस धरती पर पैग़ाम ले आतीं हैं, कभी आंखो में नमी , तो कभी लबों पर मुस्कान ले आतीं हैं ........🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️                       ----------- Shàñti ----------

अधूरा - इश्क़

दिशा एक बेफिक्र और खुद में खोई रहने वाली केरल की लड़की थी ।वो इंडियन आर्मी में डॉक्टर थी ।  दूसरों की किसी भी तकलीफ को दूर करना उसका जुनून था , शायद इसीलिए खुदा उसे हमेशा खुश रखते थे । उसे अपने आप पर बहुत भरोसा था , पर धोखेबाजों से वो हमेशा सावधान रहती थी । उसकी इस व्यक्तित्व पर को भी आसानी से फिदा हो जाता था , पर उसे अपनी ज़िन्दगी में ऐसे इंसान का इंतेज़ार था , जो उसे दिल से समझे । वो दिल से जितनी खूबसूरत थी , चेहरे से उतनी ही हसीन भी थी । वक़्त बीतता गया , एक बार उसकी मुलाकात हुई रौनक से जो इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट था । उनकी मुलाकात तब हुई जब शहर में बाढ़ आयी हुई थी , दिशा ने जब रौनक को अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद करते देखा , तो उससे उसमें अपनी परछाई नजर आयी । उसने निर्णय लिया की उसकी ज़िन्दगी का हिस्सा वो रौनक को बनाएगी । अचानक पानी का बहाव तेज होने  से रौनक पानी में गिर गया । उसे बचाने की हड़बड़ी में दिशा रस्सी लेकर पानी  में कूद गई । उसने रौनक को बचा लिया । उधर रौनक भी कहीं न कहीं दिशा पर फिदा हो गया । दिन बीतते गए , एक दिन रौनक ने दिशा से अपने प्यार क...

सोशल मीडिया

 शीर्षक : सोशल मीडिया अब आ गया वो ज़माना है , जहां हर तरफ सोशल मीडिया का फ़साना है । लोगों का रिश्ता इससे ऐसा बढ़ चला है , कि हालात चाहे जो भी हों , पर दिल से निभाना है । हार हो, जीत हो, खुशी हो या गम हो , स्टेटस तो लगाना है , आखिर दुनिया को दिखाना है । लाइक, कॉमेंट और व्यूज की ऐसी चाहत है , कि जान चली जाए , पर ट्रेंडिंग लिस्ट में आना है । युवक और युवतियों की तो आप बात ही छोड़िए , यहां बच्चों से लेकर बूढ़ों तक का बेवजह आना जाना है। माता - पिता कैसे हैं , किसको फ़र्क पड़ता है , अब तो ये मायाजाल ही , लोगों का ठिकाना है । सुबह से शाम होने का अंदाज़ा नहीं रहता , फिर भी सोशल मीडिया पर ही सारा वक़्त गंवाना है । ये जगह भी हमें खूब आकर्षित करती है, पर यहां सिर्फ दिल ही नहीं, दिमाग भी लगाना है । ये नदी की तरह बहती हुई , आपके पास आती है , पर याद रखिए की क्या रखना है,और क्या बहाना है। कुछ चीजें फालतू हैं , तो कुछ खास भी हैं , कुछ दिल छू जाती हैं , तो कुछ बकवास भी हैं , आखिरी ज़िम्मेदारी , तो आपको ही निभाना है , आपके हाथो में  है , कि क्या छोड़ना और क्या उठाना है। खुद को तैयार कीजिए,...